भारत की आध्यात्मिक भूमि पर अनेक संतों और कथावाचकों ने जन्म लिया है पर इस समय सबसे ज्यादा फेमस और चर्चित कथा वाचक है हमारे प्रेमानंद जी महाराज, जिनका आज की युवा पीढ़ी और आज के लोग बहुत ही पसंद कर रहे हैं और खास तौर पर युवाओं में इनका बहुत क्रेज है जिन्होंने राम कथा के माध्यम से लोगों के जीवन को आध्यात्मिक प्रकाश से प्रकाशित किया है .
Premanand Ji Maharaj एक नजर में
ऐसे ही महान संत इस धरती पर जन्म लेते रहे और जग का कल्याण करते रहें प्रेमानंद जी महाराज के वाणी और प्रेम भक्ति और श्री राम के प्रति अगाध श्रद्धा बस्ती है उनकी कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि आत्मा को स्पर्श करने वाला अनुभव बन जाती है, प्रेमानंद जी वृंदावन के धरती से दुनिया के लोगों तक अपने बात पहुंचाते हैं और वह बहुत बड़े-बड़े आयोजन भी करते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी बात लोगों तक पहुंचाते हैं,
आज हम जानेंगे प्रेमानंद जी महाराज के पांच ऐसे प्रवचन जो न केवल भक्ति की गहराइयों को उजागर करते हैं बल्कि जीवन को भी एक नई दिशा प्रदान करते हैं ।
1. राम नाम की महिमा
महाराज जी का यह एक ऐसा प्रवचन बताया जाता है जो श्री राम के प्रति आपके प्रेम को और बढ़ा देता है, महाराज जी का या प्रवचन हमें बताता है कि “राम नाम मंत्र ” उच्चारण नहीं बल्कि वह शक्ति है जो मन को शांत करती है और आत्मा को प्रभु से जोड़ती है ,
” वह कहते हैं राम नाम में ऐसी शक्ति है जो पतित को भी पावन बना देती है”
Link https://youtu.be/d0UXykvNQUA?si=D2XA4T0ebQVbBinh
2. जीवन में धर्म का महत्व
प्रेमानंद जी महाराज अक्सर कहते हैं कि धर्म केवल पूजा पाठ नहीं बल्कि जीवन जीने की एक सुंदर पद्धति है उनका संदेश होता है कि लोगों तक धर्म की बातें पहुंचाना और लोगों को धर्म के साथ जोड़ना जिससे इस जग का और लोगों का कल्याण हो सके, वह कहते हैं ,
” धर्म वह दीपक है जो अज्ञान के अंधकार को मिटाता है “
Link https://youtu.be/e7T3axyJUR8?si=W7mlyrcLYpKKhRpb
3. माता-पिता की सेवा
एक भावुक प्रवचन में महाराज जी ने कहा जो राम का भक्त है वह कभी अपने माता-पिता की अपेक्षा नहीं कर सकता यह प्रवचन युवा पीढ़ी के लिए एक चेतावनी और प्रेरणा दोनों है क्योंकि स्वयं श्री राम प्रभु अपने पिता के लिए इस संसार को छोड़कर 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए अपने पिता और अपने माता के सम्मान में, तो जो प्रभु श्री राम की भक्ति करता है वह कभी भी अपने माता-पिता से द्वेष और गुस्सा से बात नहीं कर सकता। Premanand ji Maharaj
Link https://youtu.be/-uDgFppTy1U?si=sHbHEVw1tGzyMUTk
4. भक्ति में स्थिरता
आज के युग में लोग भक्ति तो करते हैं लेकिन स्थिर नहीं रह पाते इस पर महाराज जी कहते हैं ,
” भक्ति फुल की तरह होनी चाहिए कोमल लेकिन स्थिर और सुगंधित “
क्योंकि आजकल की युवा सोशल मीडिया पर Daily भगवान के प्रति अच्छी भाव समाज के प्रति अच्छी भाव की पोस्ट तो करती है लेकिन कभी उसको अपनाती नहीं है युवा मंदिर तो जाती है लेकिन केवल फोटो क्लिक करने स्नैप बनाने और मेमोरी बनाने जाती है भक्ति-भावना से नहीं जाती है यह प्रवचन भक्ति के मर्म को सरल भाषा में उजागर करता है।
Link https://youtu.be/EAasAjZr5sM?si=A4ZqLvDB9JYxQ-80
5. सच्चा साधक कौन
प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि
“जो हर परिस्थिति में राम को नहीं भूलता वही सच्चा साधक है “
क्योंकि लोग सुख में तो भगवान को भूल जाते हैं और दुख में सिर्फ भगवान का नाम ही उन्हें याद आता है क्योंकि सुख में उनके पास पैसा धन दौलत और बहुत सारे लोग आ जाते हैं तो भगवान को भूल जाते हैं और जब अकेलापन कष्ट गरीबी और बहुत सारे दुख आते हैं तो लोग भगवान को ही याद करते हैं तो इसीलिए सबसे सच्चा साधक वही है जो दुख में भगवान को ना भूले ।
Link https://youtu.be/KQ2v5TXwW2E?si=WbxHdftYhBRA1v27
निष्कर्ष
प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन केवल शब्द नहीं जीवन को दिशा देने वाले अमृत वचन है यदि हम उनके बताएं मार्ग पर चले तो न केवल जीवन सुधरता है बल्कि आत्मा भी परम शक्ति को प्राप्त करती है क्योंकि आजकल की इस दुनिया में आपको सही राह दिखाने वाले बहुत कम ही लोग मिलेंगे ज्यादातर ढोंगी भरे पड़े हैं इस कलयुग में महाराज जी आपको जीवन जीने की एक नई ऊर्जा देते हैं तो Daily महाराज जी के प्रवचन सुनते रहिए और अपने जीवन को सरल और शक्तिशाली बनाते रहिए अगर आपको यह लेख अच्छा लगे तो इसे अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा करें ताकि और लोग भी इस आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित हो सके।
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