प्रेमानंद जी महाराज आज के युग में सबसे ज्यादा प्रचलित और प्रभावशाली संत है उनके दिए गए ज्ञान आज युवाओं को सीधे प्रभावित करते हैं प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि हमें भगवान का नाम जप करते हुए अच्छे कर्मों में और अच्छे मार्ग पर चलना चाहिए और लोगों के साथ सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए । Premanand Ji Maharaj Katha
नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण शब्द हैं जो प्रेमानंद जी महाराज के मुख से निकले हैं तो आईए देखते हैं एक-एक करके और इन्हें अपने जीवन में उतारने की पूर्ण कोशिश करें,
(1) क्रोध के समय क्या करें
क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है, बजाय यह सोचने की की उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उनके प्रति क्या कर्तव्य है ?
विस्तार :— जब कभी आपके मन में बहुत ही तेज किसी के प्रति गुस्सा नफरत क्या क्रोध आए तो अपने मन को कुछ समय के लिए शांत करें और अपने आप को एक बार जांचे की क्या मैं गलत हूं क्या मुझे यह करना चाहिए और कुछ भी कदम उठाने से पहले 5 मिनट का समय ले ।
(2) मन को शांत कैसे करें
वर्तमान में जीने से ही मानसिक शांति मिलती है, क्योंकि अतीत और भविष्य केवल भ्रम में होता है ।
विस्तार :— मां को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपने आप को jio ना किसी को देखकर सोचे कि मैं यह बनूंगा वह बनूंगा और न अपने अतीत के बारे में सोचे कि मैं ऐसा था मैं वैसा था आप वर्तमान में क्या है उसको जिए ।
(3) लोग दुख क्यों देते हैं
“कोई व्यक्ति तुम्हें दुख नहीं देता बल्कि तुम्हारा कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दुख के
रूप में प्राप्त होते हैं” ।
विस्तार :— ज्यादातर लोग दुखी इसीलिए होते हैं कि वह अपने अतीत से बाहर निकल ही नहीं पाते हैं और जो अतीत से बाहर निकल जाते हैं वह भविष्य में फंस जाते हैं कि मुझको यह करना है वह बनाना है ऐसे रहना है अरे वर्तमान को जिओ खुद आपका मन प्रसन्न होने लगेगा.
(4) जीवन का उद्देश्य
जब तक आत्मा को जीने की कोशिश नहीं करोगे, तब तक जीवन का उद्देश्य समझ में नहीं आएगा ।
विस्तार :— लोगों का कहना है कि जीवन का उद्देश्य एक बड़ी ऊंचाइयों पर जाना है पैसा कमाना नाम कमाना परंतु धार्मिक रूप से देखे तो जीवन का अंत है अपने आप को जानना अपने आप को पहचाना हम क्यों आए हैं इस धरती पर हमारा जन्म क्यों हुआ है ।
(5) माफी
दूसरों को माफ करना ही अपने मन को शांति देने का सबसे प्रभावित तरीका है ।
विस्तार :— मां को शांत करने का सबसे बड़ा उपाय है दूसरों को माफ करना मन उदास रहता है दूसरे को देखकर दूसरों को कर्मों से प्रभावित होते हैं अगर आपका कर्म गलत है तो आपको दुख होगा लेकिन फिर आप पश्चात कर लेंगे लेकिन दूसरों की हरकतों की वजह से जो आपका मन दुख होता है वह खत्म करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है माफी ।
(6) सच्ची मार्गदर्शन
“समय के साथ अपने विचारों और कर्मों को बदलना ही सच्ची प्रगति है।”
विस्तार :— समय के साथ अपने कर्मों को और विचारों को बदलते रहिए जैसे बचपन में लड़कों का उद्देश खिलौने होते है और जैसे लोग बड़े होते हैं तो उनका उद्देश्य बदल जाता है किसी की नौकरी किसी का पैसा किसी के लिए धन दौलत । Premanand Ji Maharaj
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